Tuesday, 23 July 2013

TWO POEMS

बारिशें होती है 
तो घुलने लगता है 
आसमान भी जमीं पे ,
तुम ज़रा देख कर बताओ 
जमीं कहाँ है 
असमान कहाँ है
..............................
तुम जून को दिसम्बर कहना 
मैं पतझड़ को सावन 
चलो आज मिलकर 
वक़्त को धोखा देते हैं

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