Friday 7 June 2013

thinking

IM THINKING
OF GROWING TREES ON MY PALMS 
TREES ARE AS GREEN AS YOUR SUIT,
YOU WORE LAST NIGHT

हो सकता है तुझे बड़ा अजीब लगे

हो सकता है 
तुझे  बड़ा अजीब लगे ,मैंने अपने नाख़ून बढ़ा  लिए हैं वक़त को खुरेदना चाहता हूँ तब तक जब तक ये नज़र ना आ जाये तुम पहले दिन कैसे दिखते  थे इतना उलझ गया हूँ तुझमे और तुझसे सम्बंधित चीजों में कोई हिसाब नहीं रहता बस इतना सा याद है जिस दिन नमकीन चने मिले उस दिन सोमवार होता है ,तुम्हारे झूठे चमच का पास पड़े होना तुम्हारा पास बैठे होना लगता है