तुझे न समझने के प्रयास में ,
तुझे समझने का मौका मिला
उग नहीं जाता जैसे
मटर का पौधा
घर के पिछवाड़े
जहाँ
बूढी नौकरानी
अपने कागजी और सिकुड़े हाथों से
मैले कपडे धोती है
तुझे समझने का मौका मिला
उग नहीं जाता जैसे
मटर का पौधा
घर के पिछवाड़े
जहाँ
बूढी नौकरानी
अपने कागजी और सिकुड़े हाथों से
मैले कपडे धोती है
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