बारिशे होती हैं तो
भीगती हैं छते, दीवारें
और नुक्क्डें
मगर मेरे वजूद का
एक हिस्सा ऐसा भी है
जो कभी नहीं भीगता
मेरे वजूद का ये हिस्सा मैने
तेरे लिए छोड़ रखा है ,
मैं
बारिश में भीगने से डरता हूँ
ये कैसा डर है
तू मेरा भी नहीं
और तुझे खोने से भी डरता हूँ
भीगती हैं छते, दीवारें
और नुक्क्डें
मगर मेरे वजूद का
एक हिस्सा ऐसा भी है
जो कभी नहीं भीगता
मेरे वजूद का ये हिस्सा मैने
तेरे लिए छोड़ रखा है ,
मैं
बारिश में भीगने से डरता हूँ
ये कैसा डर है
तू मेरा भी नहीं
और तुझे खोने से भी डरता हूँ
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