ROUGHLY A POEM
Monday, 1 April 2013
Translating IMTIAZ DHARKER
मेरी माँ ने जंगली सेब उठाये
ग्लासगो के सेब के पेड़ो से दूर
और मिर्ची में पीस दिए
अपने गृहवियोग को
हरी चटनी में बदलने के लिए
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