ROUGHLY A POEM
Thursday, 22 August 2013
बूंद
जो भी बूंद उसकी हथेली पे गिरी
उसने कुछ देर थाम कर छोड़ दी वो
वो बूँद जहाँ जहाँ से होकर गुजरी
उसने प्यार बांटा
छूने का असर
निर्भर करता है
छूने के तरीके पे
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