Saturday 27 July 2013

TRANSLATING A POEM- A REQUEST BY KAMALA DAS

TRANSLATING A POEM- A REQUEST BY KAMALA DAS
जब मैं मरुँ 
फैंकना मत 
मांस और हड्डियाँ 
बल्कि ढेर लगा देना 
और उन्हें बोलने देना 
उनकी बदबू के जरिये , 
इस धरती के ऊपर 
जीवन का मोल क्या था ,
अंत में 
प्यार का मोल क्या था

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