Saturday 13 April 2013

GOD


भगवान्
दीमक की एक प्रजाति है
जो लगता है उन दिमागों में
जो नरम और बेजान लकड़ी से बने है
रोज खाता रहता है थोडा थोडा
जैसे भेंस की चमड़ी से
लहू चूसते है चिचड़

भेंस की तरह आदमी भी हो जाता है आदि
फिर कष्ट स्वाद में बदल जाता है
जिन्दगी घिसती है फिर
एक पत्थर से दुसरे पत्थर तक
अगरबतियाँ जलाने में,
आरती करने के वक़्त
ये दीमक ज्यादा भूखे होते हैं

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